कुल जरूरत की 60 प्रतिशत सब्जियां की पैदावार “छत पर खेती” (Rooftop) से

May 18 2018

 जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है जबकि खेती की जमीन तेजी से घट रही है। ऐसे में पूरी दुनिया के पेट भरने की लड़ाई मुश्किल होती जा रही है। अफ्रीका महाद्वीप के सबसे अमीर और ताकतवर देश द.अफ्रीका भी इसी परेशानी से जूझ रहा है। लेकिन द.अफ्रीका की राजधानी जोहन्सबर्ग के लोगों ने कमाल का रास्ता खोज निकाला है।

द.अफ्रीका इस समस्या के समाधान के लिए Rooftop खेती का रास्ते पर चल पड़ा है। हालांकि यह खेती भारत में भी होने लगी है लेकिन द.अफ्रीका में इससे जुड़े तथ्य भारत से बिल्कुल अलग हैं।

कैसे यह अलग है, यह जानने के लिए पहले जान लें कि जोहन्सबर्ग की जनसंख्या कितनी है। दरअसल, जोहन्सबर्ग की जनसंख्या करीब 44 लाख है जो कि भारत में कोलकाता शहर (जिला नहीं) की जनसंख्या के बराबर है। लेकिन हैरत की बात ये है कि जोहन्सबर्ग के लोगों को जितनी सब्जी की जरूरत होती है उसकी कुल 60 प्रतिशत सब्जियां शहर की छतों पर उगाई जाती हैं।

लेकिन अगर कोलकाता की बात करें, तो यह आंकड़ा ना के बराबर है। कोलकाता तो छोड़िए, भारत के किसी भी शहर में छतों पर कुल जरूरत का 1 प्रतिशत भी नहीं उगाया जा रहा।

गरीबी और बेरोजगारी खत्म करने के औजार के रुप में

दक्षिण अफ्रीका इन दिनों गरीबी और बेरोज़गारी से लड़ रहा है तो ऐसे में छत पर खेती करने (Rooftop farming) को वहां गरीबी और रोज़गारी जैसी समस्या को ख़त्म करने के एक औजार के रुप में इस्तेमाल किया जा रहा है।

यह काफ़ी कारगर भी साबित हो रहा है। इसके अलावा वहां के प्रशासन और शोधकर्ताओं ने मिलकर ऐसी फसलों और सब्ज़ियों के सुझाव और उन्नत बीज जारी किये जो आसानी से छत पर उगाई जा सकें।

इस तकनीक ने दिया बहुतों को रोज़गार

अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ चैनल अलजज़ीरा की रिपोर्ट मुताबिक अफ्रीका जैसे देश में जहां हर चार में से एक व्यक्ति बेरोज़गार है, इस छोटी सी तकनीक ने बहुतों को रोज़गार दिया है। इसके अलावा इस तकनीक के इस्तेमाल में ज्यादा खर्च भी नहीं करना पड़ता। बस छोटी सी लागत से एक मुनाफ़े वाला व्यवसाय खड़ा किया जा सकता है।

भारत के लोगों को अब तक कोई फायदा नहीं

भारत में भी रूफटॉप खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है। लेकिन इसकी लोकप्रियता की रफ्तार द.अफ्रीकी शहर जोहन्सबर्ग के मुकाबले काफी कम है, जबकि भारत में इसकी संभावनाएं 125 करोड़ की जनसंख्या और करीब 25 करोड़ परिवारों को देखते हुए बहुत अच्छी हैं।

इस बात को ध्यान में रखते हुए साल 2014-15 में कर्नाटक राज्य सरकार ने नागरिकों को बढ़ावा देने के लिए रूफटॉप तकनीक में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं पर छूट की घोषणा की थी। इसी तरह राजस्थान में भी घर की छत पर सब्ज़ियां उगाने वाले लोगों को सब्सिडी देने की घोषणा की गई थी।

 

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Source: Kisan Khabar