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भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान , क्षेत्रीय केंद्र इंदौर के तत्वावधान में आगामी 23 फरवरी को गेहूँ दिवस पर धूत कृषि फार्म ,कुसमानिया (कन्नौद ) जिला देवास में गेहूँ की नई प्रजातियां : अधिक उत्पादन एवं लाभ विषय पर कृषक -वैज्ञानिक परिचर्चा का आयोजन किया गया है, जिसमें देश के प्रमुख कृषि वैज्ञानिक अपने विचार प्रकट करेंगे.
भारतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र इंदौर के अध्यक्ष श्री एसवी साई प्रसाद के अनुसार गत दो दशकों में गेहूँ उत्पादन और गुणवत्त्ता में हुई अभूतपूर्व वृद्धि का श्रेय नई उन्नत प्रजातियों,नूतन उत्पादन तकनीक कृषक कल्याणोन्मुख परियोजनाओं और किसानों को जाता है.केंद्र द्वारा अब तक गेहूँ की 31 प्रजातियों ( 15 कठिया /मालवी और 16 रोटियों वाली ) का विकास किया है. आगामी 23 फरवरी को गेहूँ दिवस के उपलक्ष्य में धूत कृषि फार्म कुसमानिया (कन्नौद ) जिला देवास में गेहूँ की नई प्रजातियां : अधिक उत्पादन एवं लाभ विषय पर कृषक -वैज्ञानिक परिचर्चा आयोजित की गई है. जिसमें मध्य भारत के करीब 300 प्रगतिशील किसान ,कृषि विभाग, आत्मा ,कृषि विज्ञान केंद्र,कृषि वैज्ञानिक ,बीज उत्पादक संस्थाओं के अलावा स्वयंसेवी संस्थाएं भी शामिल होंगी.
प्रक्षेत्र भ्रमण के पश्चात् दीप प्रज्वलन से परिचर्चा आरम्भ होगी. जिसमें मुख्य अतिथि डॉ एमएन सिंह (गेहूँ विकास निदेशालय ) का उद्बोधन होगा . अध्यक्षीय उद्बोधन डॉ एस.वी. साई प्रसाद देंगे . विशिष्ट अतिथि डॉ ए.के . तिवारी (दलहन अनुसन्धान निदेशालय ) के अलावा डॉ ए. एन. मिश्र ( गेहूँ की नई प्रजातियां )डॉ. ए.के. सिंह,(मालवी गेहूँ की खेती के लाभ ) डॉ व्ही. एस. भाटिया (सोयाबीन की उन्नत खेती ) श्री वाई. के . सिंह (बीजोत्पादन में एनएससी का योगदान ) जेडीए श्री आरएस सिसोदिया (गेहूँ बीज की उपलब्धता बढ़ाने ) पर अपने विचार प्रकट करेंगे .स्वागत उद्बोधन डॉ. कैलाशनाथ शर्मा और धन्यवाद प्रस्ताव डॉ डी.के.वर्मा द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा.
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स्रोत: Krishak Jagat