Challenge of doubling the income of farmers in front

February 19 2019

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यदि अतीत पर नजर डालें तो पाएंगे कि 1960 के दशक की भुखमरी को पीछे छोड़कर भारत ने आज खाद्य उत्पादन में अधिशेष की स्थिति हासिल कर ली है। प्रौद्योगिकी के कारण कृषि अब मानव संचालन से आगे निकल कर वैज्ञानिक तरीकों में तब्दील हो गई है। कृषि क्षेत्र में रोजगार सृजन के साथ ही विदेशी मुद्रा अर्जित कर सर्वांगीण विकास हुआ है। निजी और सार्वजनिक भागीदारी के द्वारा खाद्य उत्पादन को 285 मिलियन टन के उच्च स्तर पर पहुंचाया है। बागवानी फसलों में भी बढिय़ा सुधार हुआ है।

इतना होने के बाद भी कृषि के बुनियादी आधार बीज, उर्वरक, सिंचाई, रसायन, फसल सुरक्षा और कृषि मशीनरी के लिए पर्याप्त निवेश की जरूरत होती है। इसके अलावा गांव में परिवहन सुविधाएं और उपयुक्त भंडारण की सुविधा होना भी जरुरी है, जिसमें निजी क्षेत्र के साथ सार्वजनिक क्षेत्र से अब तक मिले सहयोग के साथ भविष्य में भी अपेक्षित है।

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स्रोत: Krishak Jagat