गोबर से कमाई: जाने आप कैसे गोबर से आसान तरीके से लाखों रूपये ऑनलाइन कमा सकते हैं

August 04 2018

तेज़ी से बढते कंक्रीट के शहर एक समय गाँव देहात से जुड़े इन्सान को अपने जमीनी वजूद (गांवों) से दूर लेजा रहें हैं तथा वही दूर होता इंसान अपने सामाजिक रीतिरिवाजो को बनाने की बात आती हैं तो इन रीतिरिवाजों में प्रयोग होने वाली सामग्री इनकी उपलब्ता न होने की वजह से मुह मांगी कीमत पर मिलती है। तो यही ग्रामीण स्तर पर बैठे इंसान की आमदन का जरिया बनती हैं।

अब बात करते हैं किसान की दयनीय हालत की: नई पीड़ी किसान की भी इच्छा होती है कि वह अपने बच्चे को अच्छे स्कूल में पढाये तथा उसके पास अच्छा घर हो पर बड़े दुःख की बात यह है कि वर्तमान में भारत के अधिकतर किसानों की हालत बहुत खस्ता है। इसका वजह किसानों को व्यापार ज्ञान न होना है जिसकी वजह से वे सुख सुविधाए पाने में पिछड़ रहे हैं।

गोबर धन योजना:

गोबर धन योजना क्या है: हाल ही में भारत सरकार के वित् मंत्री अरुण जेटली ने अपने आम बजट में किसानों के हालत सुधारने के लिए गोबर धन योजना 2018 की घोषणा की थी, अब जिसके अंतर्गत देश के हर जिले का एक गाँव इसके लिए चुना जा रहा हैं ताकि वह आत्म निर्भर बन सकें, यह योजना Galvanising Organic Bio-Agro Resources Dhan (GOBAR) हरियाणा राज्य में इस योजना की शुरुआत करनाल से की गई है जिसके अंतर्गत केंद्र तथा राज्य सरकार की तरफ से 60-40 के अनुपात में धन उपलब्ध करवाया जायेगा, व गाँव पंचायत की सहायता से गाँव में गोबर गैस, गोबर खाद जैसे प्रोजेक्ट्स स्वयं सहायता समूह के सहयोग से चलाये जायेगें। भारत सरकार द्वारा गत वर्ष में देशभर के 700 जिलों को इस योजना के अंतर्गत लाने की कोशिश है।

गोबर से कमाई:

अगर आप गाँव के निवासी हैं तो आपने गाँव में कई जगह गोबर के ढेर को जरुर देखा होगा गाँव इसको में या तो बेकार समझा जाता है या उसे खाद के रूप में प्रयोग किया जाता है पर अगर इसे उपलों का रूप दे दिया जाये तो यह गाये के गोबर के उपले किसान के लिए कमाई का जरिया भी बन सकतें हैं। पहले किसानों को इनकी एहमियत का पता नहीं था पर अब गाये के गोबर से बने उपलों का व्यापार एक ऐसा व्यापार बन चुका हैं जिसे हर व्यक्ति बुजर्ग चाहे जवान आसानी से कर सकता है। गाँव की औरतों के लिए यह घर से व्यापार का बहुत ही अच्छा विकल्प है।

अगर गोबर से बने उत्पादों के व्यापार की बात करें तो इस व्यापार को करने के लिए हमे ज्यादा निवेश करने की जरुरत नहीं है, पर अगर गाय के गोबर से बने उपलों की बात करें तो यहाँ निवेश न के बराबर है तथा इस व्यापार से किसान भाई बहुत सा पैसा आसानी से कमा सकतें हैं।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन (Online Registration): आज कल के नए (मॉडर्न) ज़माने में भी लोग अपनी परम्पराओ को भूले नहीं हैं, आज उनके यहाँ धार्मिक कार्यों के लिए गो उत्पदो का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन गो उत्पादों में गाये के उपलों का अपना एक विशेष महत्व हैं, तथा इसी गो उत्पादों में उपलों की मांग को पूरा करने के लिए आज कल विभिन्न websites आज हमारे सामने हैं जहा पर आप गाँव या शहर कही भी बैठे कर अपने उत्पादों को इन websites पर रजिस्टर या लिस्टेड कर बेच सकते है। आप जब इन sites पर जाते हैं तो देखते हैं कि इन साइट्स पर जरूरत का बहुत सा समान विभिन्न आकार, साइज़, भार, कीमत आदि विकल्पों में उपलब्ध हैं तथा उपले यहाँ अपवाद नहीं हैं।

अगर आप भी इन websites (फ्लिप्कार्ट, अमेज़न, ebay आदि) पर अपना सामान बेचना चाहते हो तो, आप अपना वेंडर (Vendor/Seller) संबंधित विवरण जैसे कि बैंक अकाउंट, पैन कार्ड, फर्म का नाम यदि है आदि भर कर यह कर सकतें हैं। रजिस्ट्रेशन होने के पश्चात् आप अपने प्रोडक्ट्स (उत्पाद) व दी जाने वाली सेवाओं के बारें जानकारी व फोटो डाल सकतें हैं व उनकी कीमत व देय Commission तय कर सकतें हैं।

आज के युग में कुछ ही ऐसे लोग होगे जो असली शुद्ध व देसी गाये पालते हैं। जो लोग भारतीय देसी व शुद्ध गाये पालते हैं, उनकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि आप कैसे गाये के गोबर से उपले तेयार कर अच्छी आमदनी कर सकते हैं। गाये जिसे हम नंदी बैल कहते हैं यह केवल दूध और खेत जोतने के काम नहीं आती हैं, इससे हम बहुत अच्छा पैसा भी कमा सकते हैं।

धार्मिक कार्यो में उपलों के इस्तेमाल पवित्र माना जाता हैं। इनकी कीमत एक दर्जन उपलों की कीमत ऑनलाइन 100 से 300 रुपये तक हैं।

कुछ वेबसाइट पर इन उपलों पर छुट (डिस्काउंट) भी दी जाती है। बड़े शहरों में  धार्मिक अनुष्ठानों के अंतर्गत इनकी बढती अधिक मांग तथा कम पूर्ति की वजह से आपको ऑनलाइन  मिलने वाले उपलों की कीमत कुछ भी नहीं लगेगी। इन धार्मिक अनुष्ठानो में हवन कुण्ड की अग्नि की शुरुआत गाये के गोबर से बने उपलो से की जाती हैं।

कुछ गावों में देखा गया हैं कि वहां की औरतें सुबह जल्दी उठ कर अपने घरों की दीवारों ओर फर्श को गाये के गोबर से लेप करती हैं। वैसे तो देखा जाये आज कल गोबर पाथने वाली मशीनें आ चुकी हैं, पर अधिकतर गांवों मे औरतें सुबह उठ पारंपरिक विधि का इस्तेमाल कर गाये के गोबर से दीवारों पर उपले बनाती हैं।

आज के समय की जरुरत को ख्याल रखते हुये अधिकतर ऑनलाइन साइट्स आपको ऐसा जरुरी सामान आपको घर बैठें ही उपलब्ध करवा देती हैं। इनमे से बहुत सी ऐसी ऑनलाइन साईटस हैं जो अपना कच्चा माल गौशालाओं से मंगवाती हैं तथा आगे इसे ऑनलाइन बेच कर मोटा मुनाफ़ा कमाती हैं। इन विभिन्न साईटस पर आपको गाये के गोबर का उपयोग कर बने बहुत से प्रोडक्ट्स (गोबर के उत्पाद) जैसे कि गोबर से साबुन, उपले, भगवान की मुर्तिया, आर्गेनिक पेंट, हवन के लिए गोबर की धूपबत्ती, गोबर के गमले, गोबर अगरबत्ती ओर गोमूत्र आदि आपको मिल जायेंगे। गाये के मूत्र की बात करें तो इससे इंसानों की बहुत बीमारियाँ ठीक होती देखी गई हैं, जैसे कि मूत्र से डाइबीटीस, ह्रदय रोग, ब्लड प्रेशर, मोटापा आदि रोगों में बहुत फायदेमंद साबित हुआ है। गोमूत्र की मांग (डिमांड) अब विदेशों में भी बढने लगी है।

अंत में हम कहेंगे की गाये के गोबर से बने उपलों का व्यापार आपके लिए फायदे का व्यापार साबित होगा क्योंकि इसमे पैसा भी निवेश (इन्वेस्ट) भी काफी कम है।

Source: Kheti News