सेब के पौधे यदि गीले हों तो किसान भाई दवा का छिड़काव न करें...

February 13 2018

फलों का राजा भले ही आम कहलाता है लेकिन फलों में सेब का अपना महत्व है। तभी तो कहा भी जाता है कि रोज एक सेब खाने से आपकी सभी बीमारियां दूर हो जाती हैं और आपको डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ता है। ऐसे में यदि आपको खराब व सड़े हुए सेब खाने को मिलें तो सोचिए कि आपकी सेहत पर क्या असर पड़ेगा। यही कारण है कि आज हम आप किसान भाइयों को यह बताने जा रहे हैं कि किस तरह से सही समय पर सेब के पौधों पर तेल का छिड़काव कर फसल को निरोगी बनाया जा सकता है और कीटरहित भी ताकि उन्हें उनकी उपज का अच्छा दाम भी मिल सके और खाने वालों को एक स्वस्थ सेब भी।

मार्च का महीना आने वाला है और सभी सेब बागवान एक बार फिर व्यस्त हो जाएंगे क्योंकि यही वो समय है जब सभी बागवान सेब के पौधों पर दवाई का छिड़काव करते हैं ताकि उपज को कीटों से बचाया जा सके। मार्च माह में अधिकांश बागवान स्प्रे ऑयल या हॉर्टिकल्चरल मिनरल ऑयल छिड़कने में व्यस्त रहते हैं।

सैनजो स्केल है हानिकारक कीट

आपको बता दें कि सेब की बागवानी करने वाले किसान भाई व बागवान सैनजो स्केल जैसे कीट से संभलकर रहें क्योंकि यही वो कीट है जो सबसे ज्यादा सेब की फसल को हानि पहुंचाता है। किसान भाई यदि इस कीट को देखते हैं तो बेहतर है स्प्रे ऑयल या हॉर्टिकल्चर मिनरल ऑयल का छिड़काव करें।

क्या है इसके लक्षण?

इससे प्रकोपित फल पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं। वहीं इससे कम प्रकोपित पौधों की छाल पर छोटे-छोटे सूई की नोक जैसे भूरे रंग के धब्बे नजर आते हैं और तो और अधिक प्रभावित पौधों पर यही धब्बे एक-दूसरे से मिलकर ऐसे दिखाई देते हैं जैसे पौधे पर राख का छिड़काव किया गया हो। इससे प्रभावित पौधों की बढ़ोत्तरी रूक जाती है और पौधे सूखने लगते हैं। यह कीट एक कवच के नीचे छिपे रहते हैं और पेड़ से रस चूसते रहते हैं। अधिक संक्रमण होने पर पौधा मर भी जाता है।

डॉरमेंट ऑयल का करें छिड़काव

सर्दियों में पौधे जब सुप्तावस्था में होते हैं तब उन पर डॉरमेंट ऑयल छिड़कने की सिफारिश की जाती है। दरअसल हॉर्टिकल्चरल ऑयल पेट्रोलियम तेल को शुद्ध करके तैयार किया जाता है जो कि डॉरमेंट ऑयल या समर ऑयल छिड़काव के समयानुसार कहा जाता है।

नुकसानदायक नहीं है यह ऑयल

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह हॉर्टिकल्चर ऑयल सुरक्षित, प्रभावशाली व मित्र कीटों के लिए नुकसानदायक नहीं है। यह कीटों की श्वसन नली प्रभावित करता है। इससे कीटों को उनके सांस लेने वाले छिद्रों को बंद कर देता है जिससे कीट मर जाते हैं। सुप्तावस्था में इसका छिड़काव स्केल के साथ-साथ माइट, एफिड आदि को नियंत्रित करने के लिए करते हैं।

ऐसे करें तेल का स्प्र

सेब के पौधों पर तेल का स्प्रे इस तरह करते हैं कि पूरा पौधा तर हो जाए और उस पर एक परत सी बन जाए। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हॉर्टिकल्चर मिनरल ऑयल बाजार में विभिन्न नामों जैसे मैक ऑल सीजन, सर्वो, आर्बोफाइन आदि से उपलब्ध है।

सही समय पर करें छिड़काव

तेल का छिड़काव सही समय पर करना चाहिए। सेब पर छिड़काव का सही समय हरी कली से टाईट क्लस्टर अवस्था तक है। किसान भाई तेल का छिड़काव करने से पूर्व हिदायतों को ध्यान से पढ़ें। 38 डिग्री सेल्सियस से ऊपर या अधिक सर्दी में कम तापमान पर इनका छिड़काव नहीं करना चाहिए वरना फसल खराब हो सकती है। यदि पौधा अधिक गीला हो या वर्षा की संभावना हो तक भी छिड़काव न करें।

छिड़काव के लिए आवश्यक सामग्री

छिड़काव करने के लिए 200 लिटर के ड्रम में 4 लिटर तेल डालकर इसमें पानी मिलाएं ताकि घोल की कुल मात्रा 200 लिटर हो जाए। अमूमन मार्च के माह में पौधों में रस चलने के साथ सैंजो स्केल सक्रिय होने लगता है अतः यही समय छिड़काव के लिए सबसे उपयुक्त होता है। किसान भाई ध्यान रखें कि छिड़काव करते वक्त घोल को बार-बार हिलाते रहें। वहीं मई माह में जब फले, मटर के दाने के बराबर हो जाते हैं तब 2 लिटर तेल से 200 लिटर का घोल बनाकर छिड़काव करें। इससे सभी प्रकार के कीड़ों के अंडों के साथ-साथ पाउडरी मिल्ड्यू का भी नियंत्रण होता है।

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Source: Krishi Jagran