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सुंडी व रस चूसने वाले कीटों के विभिन्न जैविक नियंत्रण

सुंडी, रस चूसने वाले कीट जैसे तेला, चेपा आदि के नियंत्रण के लिए दवा बनाने और उसे प्रयोग करने का तरीका निम्नलिखत अनुसार है।

देसी गाय का मूत्र 5 लीटर लेकर उसमें 2-3 किलो नीम की पत्तियां या 40-50 किलो नीम की खली या 2 किलो माइक्रो नीम ऑरगैनिक खाद एक बड़े मटके में भरकर 10-15 दिन तक गलने के लिए रख दें, गलाने के बाद उस मिश्रण में से 5 लीटर मात्रा को 150-200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति सप्ताह छिड़काव करें। इससे सुंडी, रस चूसने वाले कीट नियंत्रित होंगे।

500 ग्राम लहसुन, 500 ग्राम तीखी हरी चटनी लेकर बारीक पीसकर 150-200 लीटर पानी में घोलकर फसलों पर छिड़काव करें। इससे ये कीट नियंत्रित होंगे।

10 लीटर गौमूत्र में 2 किलो अक के पत्ते 10-15 दिन गलाकर इस मूत्र को आधा बचने तक उबालें, फिर 1 लीटर मिश्रण को 150-200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ पर छिड़काव करें।

उपरोक्त दवाओं का असर 5-7 दिन तक रहता है इस मिश्रण का छिड़काव 1 बार और करें जिससे कीटों की दूसरी पीढ़ी भी नष्ट हो जाए।

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