टैंशियोमीटर – पानी बचाने का यंत्र ।

यह एक मापने वाला यंत्र है जो कि हमें धरती में पानी के स्तर की जानकारी देता है। इसके द्वारा हम फसलों को सिंचित करने का सही समय तय कर सकते हैं। इस विधि के द्वारा हम धान की फसल में कम से कम 2 पानी बचा सकते हैं।

प्रयोग करने की विधि

• टैंशियोमीटर कप को पानी से भरी हुई बाल्टी में सारी रात डुबो कर रखें ताकि अंदर वाली पाइप में पानी का स्तर बाल्टी के पानी के स्तर के बराबर हो जाये।

• टैंशियोमीटर कप के आकार के अनुसार 20 सैं.मी. (8 इंच) गहरा और चौड़ा गड्ढा चयनित स्थान पर खोदें ।

• टैंशियोमीटर को उस गड्ढे में रखें और इसके आस-पास मिट्टी और पानी (1:2अनुपात) का घोल डाल दें और गड्ढे को सूखी मिट्टी से भर दें।

• टैंशियोमीटर में पानी का स्तर सुबह के समय नोट करें।

• यदि पानी का स्तर हरे रंग की पट्टी के बीच रहता है तो सिंचाई की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन यदि पानी का स्तर हरी पट्टी के आखिर में या पीली पट्टी में आ जाये तो सिंचाई की आवश्यकता होती है। किसी भी हालत में पानी का स्तर लाल पट्टी में ना आने दें।

• सिंचाई के बाद, पाइप में पानी का स्तर दोबारा बढ़ जाएगा।

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