hari khad

जानें हरी खाद के गुणों और इसकी काश्त के बारे में

हरी खाद उगाएं धरती सेहतमंद बनायें:
हरी खाद उगाने से जमीन का पानी एवं अन्य जरूरी तत्वों को सँभालने की क्षमता बढ़ जाती है।
हरी खाद अस्वच्छ पानी के बुरे प्रभाव को भी कम करती है।
हरी खाद फसलों को नाइट्रोजन प्रदान करती है।

हरी खाद की खेती:
हरी खाद के तौर पर ढैंचा (जंतर), सन या लोबिया की फसलें पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी, लुधियाना की तरफ से उगाने की सिफारिश की जाती है।
• ढैंचा (जंतर): बिजाई के लिए खेत तैयार कर के 20 किलो बीज प्रति एकड़ में बोयें।
• सन: सन की बिजाई के लिए 20 किलो बीज प्रति एकड़ में बोयें। फसल की बिजाई 22.5 सेंटीमीटर के फासले पर ड्रिल की मदद से कतारों में करें यां हाथ से बुवाई करें।
• लोबिया : इस फसल की बिजाई के लिए लोबिया-88 का 20 किलो और एल-367 का 12 किलो बीज प्रति एकड़ डालें।
इसके आलावा अगर गर्मी ऋतू में मूंग यां उड़द की बिजाई की हो तो उन की फलियां तोड़ने के बाद पौधों की खेत में ही बिजाई कर दी जाये तो वे भी हरी खाद की तरह ही काम करेंगे। ऐसा करने से धान के लिए नाइट्रोजन खाद का तीसरा हिस्सा बचाया जा सकता है।

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