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जानें लवेरियों का दूध सुखाने की प्रक्रिया

दूध दे रही गाभिन गाय/भैंस का ब्याने से 3 महीने पहले दूध निकालना बंद कर देना चाहिए ताकि उसे आराम मिल सके और पिछले ब्याने में जो थनों में दूध कोशिकाएं टूटती रही हैं, वे ठीक हो सकें और पशु ब्याने के बाद दूध, पूरी मात्रा में पैदा कर सके, पर कई बार कुछ पशुओं का दूध लेना बंद करना मुश्किल हो जाता है इसलिए दूध लेना बंद करने के कुछ तरीके आपसे शेयर कर रहे हैं।

खुराक कम करना- गाय भैंसों को दूध लेना बंद करने के लिए कुछ दिन पशु का दाना बंद करे दें और हरी घास भी कम ही डालें। जब वह दूध देना बंद कर दे तो फिर उसे दाना देना शुरू कर दें।
दिन में एक बार दूध निकालना-गाय भैंस का कुछ दिनों के लिए दिन में एक बार ही प्रति दिन दूध निकालें, फिर एक दिन छोड़कर दिन में एक बार दूध निकालें। फिर 2-3 दिनों के अंतराल पर अगले दिन, एक बार दूध निकालें। इस तरह धीरे धीरे आखिर लवेरी दूध देना बंद कर देगी।

पूरा दूध ना निकालना- इस तरीके से पशु का पूरा दूध नहीं निकाला जाता, बल्कि कुछ दूध थनों में ही छोड़ दिया जाता है। कुछ दिन पूरा दूध ना निकालने के कारण पशु का दूध कम हो जाता है और दूध निकालना बंद कर दिया जाता है। नई ब्याई हुई जिसे दूध का बुखार होने का डर हो उसके लिए यह तरीका अपनाया जाता है।

दूध निकालना तुरंत बंद कर देना- यह तरीका तब अपनाया जाता है जब पशु दूध बहुत कम दे, लेकिन उसके थन बिल्कुल सही हों, कोई सोजिश या जख्म ना हुआ हो। गाय भैंस का आखिरी बार दूध निकालने के समय थन बिल्कुल खाली कर दें और लाल दवाई के घोल से थन को अच्छी तरह धो लें। थनों को अच्छी तरह सुखा लेने के बाद थनों में किरम नाशक दवाई दें पर ये डॉक्टर की सलाह से करें।

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